Sunday, June 6, 2010

एक ड्रीम...चाहिए वर्ल्ड हेरिटेज सिटी

रीतेश पुरोहित


नई दिल्ली।। दिल्ली को वर्ल्ड हेरिटेज सिटी का दर्जा किस तरह दिलाया जाए, इसके लिए रोडमैप तैयार कर लिया गया है। रविवार को वर्ल्ड हेरिटेज डे के मौके पर इंडियन नैशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट ऐंड कल्चरल हेरिटेज (इंटैक) ने घोषणा की कि इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है और छह महीने बाद सिफारिशों को अमली जामा पहनाने के बाद इसे केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। शाहजहांनाबाद और लुटियंस बैंग्लो के कन्जर्वेशन विषय पर इंटैक द्वारा आयोजित दो दिन चले सेमिनार के समापन के मौके पर यह ड्राफ्ट तैयार किया गया।

इंटैक के सूत्रों के मुताबिक, ड्राफ्ट में कहा गया है कि शाहजहांनाबाद और लुटियंस जोन एरिया को संरक्षित घोषित किया जाना चाहिए। दिल्ली में मौजूद हर मॉन्यूमेंट के लिए बाउंड्री और उनकी डिजाइन तैयार की जानी चाहिए। साथ ही दिल्ली में पुरानी बिल्डिंगों के अलावा जो अन्य हेरिटेज जैसे नदी, तालाब आदि को संरक्षित करने के लिए भी अलग से कैटिगरी बनाई जाए। दिल्ली के इतिहास के बारे में लोगों को बताने के लिए म्यूजियम बनाए जाएं और मॉन्यूमेंट्स और अन्य हेरिटेज के बारे में मौजूद सारा मटीरियल आम लोगों के लिए डिस्प्ले किया जाए।
यह भी कहा गया है कि दिल्ली कैंट और सिविल लाइंस एरिया में आने वाली हेरिटेज बिल्डिंगों की लिस्टिंग तैयार की जाए। दिल्ली में के गांवों में मौजूद मॉन्यूमेंट्स की पहचान करके उनका रेकॉर्ड तैयार किया जाए।
ड्राफ्ट में इंटैक की भूमिका बताते हुए कहा गया है कि वह दिल्ली को र्वल्ड हेरिटेज सिटी का दर्जा दिलाने के लिए शिक्षण संस्थानों और सरकारी डिपार्टमेंटों जैसे एएसआई, एमसीडी, एनडीएमसी, डीडीए, रेलवे आदि से सहयोग लेगा और उन पर एक प्रेशर गुप की तरह काम करेगा। सूत्रों का कहना है कि, इस मकसद को पूरा करने के लिए सरकारी डिपार्टमेंटों की मदद बहुत जरूरी है, क्योंकि अक्सर ऐसा होता है कि सरकारी डिपार्टमेंटों में आपसी खींचतान की वजह से मॉन्यूमेंट्स पर कंजवेर्शन का काम नहीं हो पाता।
इंटैक दिल्ली चेप्टर के संयोजक ए. जी. के. मेनन ने बताया कि दिल्ली को वर्ल्ड हेरिटेज सिटी का दर्जा दिलाने की कोशिश में हम काफी समय से लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली को यह स्टेटस दिलाना आसान काम नहीं है और हम इसके लिए पूरी प्लानिंग के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
इस कॉन्फ्रेंस के बाद हमने वर्ल्ड हेरिटेज स्टेटस के लिए एक रोडमैप तैयार किया है। करीब छह महीने में सारी सिफारिशें तैयार कर लेंगे और इसके बाद इस बारे में केंद सरकार से बात करेंगे और हमें उम्मीद है कि हमें केंद की ओर से इस पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिलेगा।

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