Tuesday, February 23, 2010

लाल किले का वर्ल्ड हेरिटेज दर्जा खतरे में!

नई दिल्ली/16 dec. 2009।। रीतेश पुरोहित

लाल किले की खूबसूरती में चार-चांद लगाने की कोशिश कर रहे आर्कियॉलजिक सर्वे  ऑफ इंडिया (एएसआई) की कोशिशों को गहरा झटका लगा है। एमसीडी ने लाल किले की बाउंड्री वॉल बनाने और फेन्सिंग के काम को रोक दिया है। इससे यह जगह फिर गंदगी और अतिक्रमण का शिकार होती जा रही है। हेरिटेज एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर लाल किले के सामने इसी तरह की बदहाली रहती है, तो उसका वर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा भी खतरे में पड़ सकता है।

असल में एएसआई ने लाल किले के वर्ल्ड हेरिटेज साइट के दजेर् को ध्यान में रखते हुए एक कॉम्प्रिहेंसिव कंजर्वेशन मैनेजमेंट प्लान (सीसीएमपी) तैयार किया था। इसके तहत इस मुगल कालीन ऐतिहासिक धरोहर के बाहर बाउंड्री वॉल बनाने के अलावा इस इलाके के सौंदर्यीकरण की भी योजना थी। पहले यहां बसों की टिकट बेचने के लिए करीब 14 कियोस्क लगे हुए थे। इसी फुटपाथ पर दुकानें भी लगाई जाती थीं। एएसआई ने इन कियोस्क को हटाने और अतिक्रमण खत्म करने के लिए एमसीडी को पत्र लिखा था। एएसआई के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, ये कियोस्क और इनके आसपास फैली गंदगी से न सिर्फ लाल किले की खूबसूरती पर धब्बा लग रहा था, बल्कि यह सीसीएमपी के आड़े भी आ रहा था। इसके बाद एमसीडी ने इन वेंडरों को यहां से हटाकर दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया था। उन्होंने बताया कि एमसीडी की परमीशन के बाद हमने यहां करीब तीन महीने पहले काम शुरू कर दिया था। लगभग 80 फीसदी काम हो भी गया था, लेकिन एमसीडी ने अचानक इसे अपनी जमीन बताकर हमारा काम रुकवा दिया। उनका कहना है कि इस बारे में एमसीडी से बात की जा रही है और हमें पॉजिटिव रिजल्ट मिलने की उम्मीद है। एमसीडी के प्रवक्ता दीप माथुर ने माना है कि एएसआई को यहां काम करने से रोका गया है। उनका कहना है कि हमारे कुछ अधिकारियों के संज्ञान में यह बात आई थी कि एमसीडी की इजाजत के बिना यहां काम किया जा रहा है। इसी वजह से हमने काम रुकवाया।
सूत्रों का कहना है कि वेंडरों का वही पुराना ग्रुप फिर सक्रिय हो गया है और उसी के दबाव में काम रोका गया है। रोज हजारों लोग लाल किला देखने आते हैं और इसी वजह से यहां काफी भीड़ रहती थी। लाल किले की आड़ में इनका धंधा खूब चमक रहा था और नई जगह शिफ्ट होने से इनके धंधे में मंदी आ गई है। अब ये लोग अपनी वही जगह फिर से चाहते हैं और इसके लिए हर हथकंडा अपना रहे हैं।
बाउंड्री वॉल का काम रुकने के बाद अब इस एरिया पर फिर से अवैध कब्जा होता जा रहा है। बाउंड्री के बिल्कुल पास ही कूड़ा पड़ा रहता है। लोगों ने नई दीवार को ही टॉयलेट की तरह इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। सोसायटी फॉर कल्चरल हेरिटेज के सदस्य संजय भार्गव का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, इस सड़क पर कोई तहबाजारी नहीं की जा सकती और अगर विशेष तौर पर अनुमति दी भी जाती है, तो पहले फुटपाथ के लिए पांच फुट जमीन छोड़नी पड़ेगी। इसका मतलब यह हुआ कि यहां लगने वाली सारी दुकानें अवैध हैं। उनका कहना है कि अगर हालत में कोई सुधार नहीं आया, तो लाल किले को मिले वर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा भी खतरे में पड़ सकता है।

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