Saturday, March 27, 2010

क्या गेम्स तक मुक्त हो पाएगा बिजरी खान का मकबरा

रीतेश पुरोहित ।। नई दिल्ली / १ दिसम्बर २009


आरकेपुरम सेक्टर 3 के मेन रोड पर स्थित है 15वीं सदी का लोदी काल का बिजरी खान का मकबरा. इसे एक ओर से झुग्गी बस्ती ने अपनी चपेट में ले रखा है, दूसरी ओर एक पब्लिक टॉइलट है। यहां रह रहे लोगों ने इमारत के सामने बनी बाउंड्री पर एक लंबी दीवार खड़ी कर ली है। बगल में एक मंदिर है। बच्चों ने इसे खेल का मैदान बना लिया है, किसी ने कपड़े सुखाने की जगह और किसी ने आरामगाह। इस सबका खमियाजा भुगतना पड़ रहा है इस मकबरे को, जो कई जगह से टूट गया है। इसके पास ही एक टेनिस स्टेडियम है, जहां कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान टेनिस की प्रतियोगिताएं होंगी। यह स्मारक दिल्ली सरकार के आकिर्यॉलजी डिपार्टमंट की देखरेख में है। डिपार्टमंट इससे वाकिफ है, लेकिन फिलहाल खुद को बेबस बता रहा है।

यहां रह रहे लोगों को इसके बारे में कुछ नहीं पता। 35 साल के रविशंकर केवल इतना जानते हैं कि यह कोई गुंबद है। उनका कहना है हम यहां बीस साल से रह रहे हैं और हमें यहां से कोई हटाने नहीं आया। न तो हमें पानी की कोई प्रॉब्लम है और न ही बिजली की। स्थानीय लोगों का कहना है कि एक-दो हफ्ते में कोई कर्मचारी यहां आता है और साफ-सफाई कर चला जाता है।
सूत्रों का कहना है कि पहले लोगों ने इस मकबरे के अंदर कब्जा कर रखा था। बाद में उन्हें यहां से निकाला गया और इसे दोनों ओर से ताला लगाकर बंद किया गया। यहां एक साइनेज भी लगाया गया था, लेकिन लोगों ने इसे तोड़ दिया, जिसके बाद इसे मकबरे के अंदर ही रख दिया गया। दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमने ऐसे 20 स्मारकों को चुना है, जिन पर कॉमनवेल्थ गेम्स तक हर हाल में काम पूरा करना है। बिजरी खान का मकबरा इस लिस्ट में शामिल है और यह इसके महत्व को जाहिर करता है। उन्होंने बताया कि इस मकबरे के आसपास की जमीन लैंड ऐंड डिवेलपमंट ऑफिस के अधीन है। हम अवैध कब्जे को नहीं हटा सकते। पहले इस मकबरे को नोटिफाई किया जाएगा। इसके लिए हम लैंड एंड डिवेलपमेंट ऑफिस से संपर्क करेंगे और उनकी मदद से यहां अतिक्रमण हटाया जाएगा। फिर हम पूरी इमारत के संरक्षण का काम शुरू करेंगे।
इंडियन नैशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट ऐंड कल्चरल हेरिटेज के दिल्ली सर्कल के संयोजक ए. जी. के. मेनन का कहना है कि अभी तक यह मकबरा संरक्षित स्मारकों की लिस्ट में शामिल नहीं है। जब तक नोटिफिकेशन करके इसे कानून के दायरे में नहीं लाया जाता, हम कुछ नहीं कर सकते। एक बार नोटिफिकेशन हो जाता है, फिर सरकार से इसे अवैध कब्जे से मुक्त करने की अपील की जा सकती है।
इस ऐतिहासिक स्मारक के पास ही डीएलटीए टेनिस स्टेडियम हैं, जहां कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान टेनिस का आयोजन किया जाएगा। जाहिर सी बात है ऐसे में सड़क के बिल्कुल पास ही मौजूद इस स्मारक पर लोगों का ध्यान जरूर जाएगा। हेरिटेज एक्सर्पट्स का मानना है कि अगर इस ऐतिहासिक स्मारक का गेम्स तक ऐसा ही हाल रहता है तो लोगों की नजर में देश की छवि बेहद खराब बनेगी।

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