Monday, April 19, 2010

वेलकम करेंगे दिल्ली के 7 ऐतिहासिक शहर

रीतेश पुरोहित


नई दिल्ली।। अगले साल होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान दिल्ली अपने मॉडर्न रूप के साथ साथ सदियों पुराना इतिहास दिखाने के लिए भी तैयार हो रही है। गेम्स के दौरान आने वाले विदेशी टूरिस्टों को यहां के इतिहास की झलक दिखाने के लिए आर्कियॉलजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) ने 46 स्मारकों को चुना है। एएसआई के सुपरिंटेंडेंट आर्कियॉलजिस्ट के. के. मोहम्मद ने बताया कि 25 करोड़ रुपये के बजट से इन धरोहरों को अगले साल अगस्त तक संरक्षित करने और खूबसूरत बनाने का काम पूरा कर लिया जाएगा। इन सभी जगहों पर काम जोरों पर चल रहा है।
जिन 46 स्मारकों को चुना गया है उनमें दिल्ली के सात शहरों के नाम से मशहूर किला राय पिथौरा, सीरी, तुगलकाबाद, जहांपनाह, कोटला फिरोज शाह, पुराना किला और शाहजहांनाबाद शामिल हैं। इनके अलावा हुमायूं का मकबरा, अरब की सराय, सफदरजंग का मकबरा, कश्मीरी गेट और दरियागंज की वॉल्ड सिटी, जंतर-मंतर कॉम्पलेक्स और दिल्ली गेट कुछ खास नाम हैं। मोहम्मद ने बताया कि इन स्मारकों को चुनने में हमने कई बातों का ध्यान रखा, मसलन वह कितने साल पुराना है, उसका ऐतिहासिक महत्व क्या है। इसके अलावा यह भी देखा गया कि इमारत की अभी क्या हालत है और वह कितना पॉप्युलर है। वहां जाना आसान है या नहीं।
उन्होंने बताया कि इन सभी जगहों पर काम लगातार किया जा रहा है और उम्मीद है कि अगले साल अगस्त तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा एएसआई इंटैक (इंडियन नैशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट ऐंड कल्चरल हेरिटेज) के साथ लोदी गार्डन पर मौजूद पांच स्मारकों को दुरुस्त करने का काम कर रहा है। इनमें से एक पर काम पूरा हो गया है, जबकि बाकी पर काम जारी है।

कैसे लौटेगी खूबसूरती
इन सभी स्थानों पर किए जाने वाले काम को पांच हिस्सों में बांटा गया है।
1. मरम्मत का काम
टूटी-फूटी इमारतों पर कंस्ट्रक्शन का काम करके उन्हें पुराना लुक देने की कोशिश की जा रही है। अगर किसी छत से पानी टपक रहा है, तो उसे वॉटर टाइटनिंग के जरिए ठीक किया जा रहा है। दीवारों के बीच बने जॉइंट्स को भरने और उखड़ी हुई दीवारों पर प्लास्टरिंग करने का काम हो रहे हैं। इस पूरे काम में करीब 8.50 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

2. जरूरी सुविधाएं
न सिर्फ स्मारकों, बल्कि उसके पूरे परिसर को अच्छा लुक देने का काम किया जा रहा है। इसके तहत परिसर के रास्तों को दुरुस्त करना, रेलिंग और बाउंड्री वॉल की मरम्मत व कलर करना, इंटरनैशनल स्तर के टॉयलेट बनाना, पीने के पानी की व्यवस्था करना, पब्लिकेशन काउंटर बनाना और नए साइनेज लगाने का काम शामिल है। एएसआई का दिल्ली सर्कल इस पूरे काम को अंजाम देगा। अनुमान है कि इस काम में 6.31 करोड़ रुपये लगेंगे।

3. केमिकल ट्रीटमेंट
इमारत पर जम गई गंदगी को दूर करने और इस पर लिखे नाम को हटाने के लिए केमिकल ट्रीटमेंट का सहारा लिया जा रहा है। 9.20 करोड़ रुपये की लागत से पूरे होने वाले इस काम के तहत एक खास केमिकल का इस्तेमाल करके दीवारें साफ की जा रही हैं। एएसआई की साइंस ब्रांच यह काम कर रही है।
4. होगा हरा भरा
आसपास की जगहों पर घास बिछाई जा रही है। साथ ही पौधे भी लगाए जा रहे हैं। हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट इसकी जिम्मेदारी संभालेगा। इस काम में करीब 5.17 करोड़ रुपये लगेंगे।
5. रोशनी की व्यवस्था
रात में भी स्मारक खूबसूरत नजर आएं, इसके लिए अंदर व बाहर लाइटिंग का काम किया जा रहा है। इससे ये ऐतिहासिक इमारतें और सुंदर नजर आएंगी। भारत सरकार का टूरिजम डिपार्टमेंट इस काम को पूरा करेगा। करीब 4.85 करोड़ रुपये की लागत से यह काम होगा।

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