Monday, April 19, 2010

ऑफिस में टाइम पास, नहीं है राइट चॉइस

रीतेश पुरोहित

5 jan 2009
नई दिल्ली : 23 साल के सॉफ्टवेयर एंजीनियर अनुराग त्रिपाठी अविवाहित हैं। रात के 8 बजे हैं और वह अभी तक ऑफिस में कंप्यूटर के सामने बैठे हैं। पिछले तीन घंटे में वह पांच बार कॉफी पी चुके हैं। दर्जनों दोस्तों के मोबाइल घनघना चुके हैं। अनुराग इसकी वजह बताते हुए कहते हैं 'घर जाकर भी मैं क्या करूंगा। यहां सब कुछ है। कंप्यूटर, कॉफी, फ्री का फोन, एसी। मैं यहां अपने मन का काम कर सकता हूं।' कई सॉफ्टवेयर कंपनियों और रिसर्च सेंटरों में इस तरह का नजारा आम है। यहां अविवाहित युवक अपनी कंपनी में देर रात तक टाइम पास करते रहते हैं क्योंकि उनके पास करने के लिए कुछ और नहीं होता। हालांकि एच. आर. (ह्यूमन रिसॉर्स) से जुड़े लोग इसे सही नहीं मानते।
सॉफ्टवेयर कंपनी क्रीडेंस सिस्टम्स में मैनिजर (एच.आर.) गौरव सिंह चौहान कहते हैं कि आजकल कंपनियां खुद ही कर्मचारियों की फ्रीडम की बात करती हैं। पर्सनल यूज के लिए कंपनी का सामान इस्तेमाल करने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन देर रात तक ऑफिस में बैठे रहने से वर्क कल्चर पर बुरा असर पड़ता है। ऑफिस में देर तक बैठे देखकर बॉस की उम्मीदें आपसे काफी बढ़ जाती हैं। वह आपको अधिक काम देने लगते हैं और ऑफिस के दूसरे लोगों से ओवरटाइम की उम्मीद करते हैं। चौहान का कहना है कि जब तक आप अनमैरिड हैं तब तक तो यह ठीक लगता है लेकिन शादी के बाद परिवार आपकी प्राथमिकता में शुमार हो जाता है और आप ऑफिस में ज्यादा समय नहीं दे पाते। इसके बाद बॉस की नजरों में भी आपकी इमिज खराब हो जाती है।
होम फर्निशिंग एक्सपोर्ट कंपनी में एच. आर. इगेक्युटिव नितिन सिंह भी इन बातों से सहमत हैं। उनका कहना है कि इन युवा प्रफेशनल्स को ऑफिस में देर रात तक रुकने के बजाय कुछ और करना चाहिए। जैसे वह डांस सीखें, कोई नई भाषा सीखें। अपना पसंदीदा गेम खेलें। करीबियों को वक्त दें। उनका कहना है कि हममें से कई लोग सोचते हैं कि देर रात तक काम करने का मतलब होता है, कड़ी मेहनत करना या फुल कमिटमेंट देना। हालांकि ऐसा नहीं है। लोगों को समझना चाहिए कि ऐसा करके वह अपना समय ही खराब कर रहे हैं।
मैक्स हेल्थकेयर में सायकायट्रिस्ट समीर पारिख कहते हैं कि काफी युवा प्रफेशनल पूरी तरह ऑर्गेनाइज्ड नहीं होते। वह परिवार से दूर रहते हैं। कई बार ऑफिस में उनकी कुछ लोगों से अच्छी दोस्ती हो जाती है, इसलिए भी वह ऑफिस में रुकना और हंसी ठिठोली करना पसंद करते हैं। उनका कहना है कि लोग कई बार मनोरंजन के लिए ऑफिस में बैठते हैं लेकिन यह तनाव कम करने में किसी तरह की मदद नहीं करता। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अपने बॉस को यह जताना चाहते हैं कि वह ऑफिस में बहुत ज्यादा काम करते हैं।

http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/3935169.cms

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