Monday, April 19, 2010

पहले कूड़ा देखो, फिर अशोक का शिलालेख

रीतेश पुरोहित ।। नई दिल्ली


ईस्ट ऑफ कैलाश में मौर्य शासक सम्राट अशोक का दुर्लभ शिलालेख देखने स्टों का सबसे पहले सामना होता है, यहां फैली बदबू से। यह बदबू आती है इस ऐतिहासिक स्मारक के इकलौते एंट्री गेट के दोनों ओर पड़े रहने वाले कूड़े से। तीन सालों से यहां कूड़ा डाला जा रहा है और इसकी संभावना बेहद कम है कि आने वाले समय में भी यहां कूड़ा इकट्ठा होना बंद हो। वजह यह है कि एमसीडी के पास कूड़ा डालने के लिए इस एरिया में कोई और जगह ही नहीं है। नियमत: किसी भी संरक्षित स्मारक के पास कूड़ा फेंका जाना गलत है। यह जगह उन ऐतिहासिक स्मारकों की लिस्ट में है, जिन पर कॉमनवेल्थ गेम्स के मद्देनजर खास ध्यान दिया जा रहा है।


साउथ दिल्ली में कैप्टन गौड़ मार्ग और कालकाजी मंदिर के पास मौजूद ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी का यह शिलालेख इलाके के रेजिडेंशल इलाके में खुदाई के दौरान मिला था। 1996 में आर्कियॉलजिस्टों ने इसे पहचाना। यह शिलालेख सम्राट अशोक द्वारा लिखे उन आदेशों में से एक है, जिसमें उन्होंने भारत के लोगों को करीब लाने के लिए और धम्म (धर्म) के बारे में बताने के लिए शिक्षा दी थी। दस लाइनों के इस उद्बोधन को प्राकृत भाषा और ब्राह्मी लिपि में लिखा गया है। हालांकि अब इस पर लिखे अक्षर भी ठीक से दिखाई नहीं देते।

कॉमनवेल्थ गेम्स के मद्देनजर एएसआई की यहां नए साइनेज लगाने, नए टॉयलेट ब्लॉक्स बनाने और सौंदर्यीरण की प्लानिंग है। सूत्र बताते हैं कि बौद्ध धर्म के लोगों के लिए यह स्थान बेहद मायने रखता है। यहां अक्सर विदेशों से बौद्ध पर्यटक भी आते हैं, लेकिन एंट्री गेट के दोनों तरफ लगे कूड़े के ढेर की वजह से उनकी सारी उत्सुकता खत्म हो जाती है। सूत्रों का कहना है कि पहले यह कूड़ा गेट के अंदर पड़ा होता था। पिछले साल यहां थाइलैंड की राजकुमारी आई थीं। उस समय यहां बहुत बड़ा कार्यक्रम किया गया था। तब इस कूड़े के ढेर को उनकी नजरों से बचाने के लिए बाहर लाया गया और ढक दिया गया। तबसे कूड़े का अंदर फेंका जाना बंद हो गया। सूत्रों का कहना है कि घरों से इकट्ठा होने वाला कूड़ा भी यहीं फेंका जाता है। इसके बाद कूड़े को यहां से उठाकर ले जाया जाता है।
एएसआई अधिकारियों का कहना है कि हमने इस बारे में एमसीडी को एक बार लेटर लिखा था, लेकिन एमसीडी ने हमें बताया कि उसके पास इलाके में कोई और ऐसी जगह नहीं है, जहां इस कॉलोनी में इकट्ठे होने वाले कूड़े को फेंका जाए। एमसीडी प्रवक्ता दीप माथुर ने भी माना कि हमारे पास यहां ऐसी कोई जगह नहीं है, जहां इस कूड़े को फेंका जा सके। हालांकि हमने सेनेटरी इंस्पेक्टर को निदेर्श दिए हैं कि यहां पर्याप्त सफाई रखी जाए, ताकि बदबू न आए। हम कोशिश कर रहे हैं कि ऐसी कोई जगह मिल जाए, जहां कूड़े को फेंका जा सके। उन्होंने इस बात पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया कि कॉमनवेल्थ गेम्स तक यह पूरा कर लिया जाएगा या नहीं। हालांकि एएसआई अधिकारियों को पूरा भरोसा है कि इस ऐतिहासिक स्मारक के गेट पर लगने वाले कूड़े को हर हाल में हटाया जाएगा। उनका कहना है कि हम इसके लिए एमसीडी के आला अधिकारियों से बात करेंगे।

No comments: